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सूक्ष्म करंट – नियमन का एक नया स्तर

माइक्रोस्ट्रोम

जैव-थेरेपी के लिए इलेक्ट्रॉड

[checklist icon=”fa-star-o” iconcolor=”#ffffff” circle=”yes” circlecolor=”#81d742″ size=”small” class=”” id=””] [li_item icon=””]माइक्रो करंट विद्य़त वोल्टेज होती हैं जो एक वोल्ट से बहुत कम होती हैं :[/li_item] [/जांचसूची]

यह सर्वज्ञात है कि “जितना ज्यादा उतना ही बेहतर” मान्यता ने मानव मस्तिष्क को ढाला है। वास्तव में, जीवविज्ञान में यह तथ्य कभीकभार ही लागू होता है और इसका प्रभाव बहुत आसानी से इसके ठीक विपरीत उल्ट हो सकता है। उदाहरण, हार्मोन्‍ का वितरण : सही (अतिन्यून) मात्रा उपयोगी होती है। ज्यादा अवश्यंभावी मुसीबत की ओर ले जाता है…

प्राकृतिक चिकित्सा पेशेवरए.ई. बेकलेयन ने अपने बार-बार किए गए जैवऊर्जात्मक परीक्षण के दौरान ध्यान दिया कि सहायक कार्यक्रमों अर्थात कथित “हार्मोनिक कंपन सहित सुखप्रद कार्यक्रमों” ने, जो अत्यधिक कम वोल्टेज (एक वोल्ट से भी कम) के होते हैं, बेहतर परिणाम दिखाए हैं। यहां, जितना कम उतना ही अधिक है।

उन्होंने एक वोल्ट से भी कम वोल्टेज के साथ शुरूआत की और आश्चर्यचकित हुए कि इसके प्रभाव आंशिक रूप से उससे अत्यधिक जोरदार थे जो आमतौर 2.2 से 15 वोल्ट के साथ इस्तेमाल किए जाते हैं।

इसके बाद उन्होंने इन कम वोल्टेज को योजनाबद्ध ढंग से इस्तेमाल किया और उन्हें मालूम हुआ कि उनके रोगियों ने सामान्य की अपेक्षा कहीं अधिक तीव्र प्रभाव अनुभव किया।

आन्ट-शुल्ज़ नियम कहता है : “कमजोर उत्प्रेरण शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देता है और बहुत मजबूत उत्प्रेरण गतिविधि को दबा या नष्ट कर देता है”।

मि. बेकलेयन ने अपनी प्रेक्टिस में देखा कि परजीवियों, वायरस, बैक्टीरिया और कवकीय संक्रमणों को नियंत्रित करने के लिए क्लार्क और राइफ इलेक्ट्रिकल आवृत्तियों का अनुप्रयोग अधिकतम तनाव में हमेशा बेहतर कार्य करता है। परंतु, नियमन, उपचार प्रवृतियों और विषहरण में सूक्ष्म करंट कहीं ज्यादा बेहतर थे!

अभी तक, जैपर में न्यूनतम वोल्टेज मान 1 वोल्ट (प्रयोगशाला परीक्षण में अधिक परिशुद्ध मापन ने दर्शाया कि डिस्प्ले पर 1 वोल्ट की बजाय न्यूनतम मान 1.3 वोल्ट था), इसप्रकार कभीकभार यह बहुत उच्च होता है।

नये डायमण्ड शील्ड जैपर IE को 0.1 वोल्ट तक समायोजित करने योग्य बनाया गया है।

इसी कारण से डायमण्ड शील्ड जैपर IE प्रथम स्वास्थ्वर्धक और सुखप्रद उपकरण के रूप में निरूपित करना तर्कसंगत है।[/fusion_text][sharing tagline=”Share this article:” tagline_color=”” title=”” link=”” description=”” pinterest_image=”” icons_boxed=”” icons_boxed_radius=”4px” box_colors=”” icon_colors=”” tooltip_placement=”” backgroundcolor=”” class=”” id=””][/sharing]